मुझे
तो लगता है कि कम से कम भारत के इन कथित नेताओं और बाबाओ को एक बड़े से, सारी
सुख-सुविधाओं से युक्त पानी के जहाज़ में भरकर हमेशा के लिए बीच समंदर छोड़
देना चाहिए! देश को ख़ुद के मनहूस साये से आज़ाद करने के बदले में इन नेताओं
के लिए आजीवन इतनी सुविधाएं तो बनती ही हैं। देश का नेतृत्व प्रखर बुद्धि
वाले कर्मठ ईमानदार युवाओं को मिले...जाति, धर्म, भाषा जैसे वर्तमान
संकुचित धारणाओं से निकल कर राजनीति समस्त प्राकृतिक एवं मानवीय संसाधनों
के समुचित सदुपयोग पर केंद्रित हो। ईमानदार युवाओं द्धारा, ईमानदारों के
लिए बेईमानों पर शासन!

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